Vehicles will be monitored as soon as they enter the petrol pump

पेट्रोल पंप में प्रवेश करने के साथ रखी जाएगी वाहनों पर नजर
 

पेट्रोल पंप के प्रवेश द्वार से ही वाहनों के एंट्री पर नजर रखी जाएगी और हर वाहन की नंबर प्लेट एएनपीआर कैमरे पढ़ लेंगे

इन नंबर प्लेट का मिलान केन्द्रीय डाटा से करेंगे, इससे उक्त वाहन की उम्र व अन्य जानकारियां तत्काल प्राप्त हो जाएंगी जैसे ही पता चलेगा कि वाहन की उम्र पूरी हो चुकी है, स्पीकर पर उक्त वाहन का नंबर बताने के साथ इराकी घोषणा की जाएगी

पेट्रोल पंप पर तैनात कर्मचारी को इसकी जानकारी मिल जाएगी और वह उक्त वाहन को ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा

पेट्रोल-डीजल देने से मना करने के साथ ही उक्त वाहन के बारे में जानकारी परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को दी जाएगी

पैट्रोल पंप के पास तैनात परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की टीम उक्त वाहन के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगी

( तीन चरणों में काम )

पहला चरणः 01 जुलाई 2025

एक जुलाई से दिल्लीभर में पुराने वाहनों को ईंधन देने पर पाबंदी लागू हो रही है। इसके लिए सभी पेट्रोल पंपों पर तैयारी पूरी कर ली गई है।

दूसरा चरण: 01 नवंबर 2025

दूसरे चरण में दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा वाहन घनत्व वाले पांच जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में यही पाबंदी एक नवंबर से लागू की जाएगी।

तीसरा चरणः 01 अप्रैल 2026

तीसरे चरण में एनसीआर के बाकी हिस्सों में यह पाबंदी एक अप्रैल 2026 से लागू की जाएगी। सभी राज्यों को निर्देश दिए गए है।

विशेषज्ञ का कहना

पुराने वाहनों की रोकथाम के लिए समग्र कदम उठाए जाने की जरूरत है। एन्फोर्समेंट की कार्रवाई के साथ-साथ पुराने वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी तक पहुंचाने के लिए वाहन स्वामियों को प्रेरित करने वाली योजनाएं भी लाई जानी चाहिए। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा मजबूत बनाना चाहिए ताकि लोगों को सुविधाजनक परिवहन मिले और वे अपना निजी वाहन रखने की जरूरत महसूस नहीं करें। विवेक चट्टोपाध्याय, वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ, सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरमेंट

तीन विभागों की 300 टीमें तैनात रहेंगी

अभियान के लिए दिल्ली पुलिस, परिवहन विभाग और दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की 300 टीमों का गठन किया गया है।

100 टीमें दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और कर्मियों की बनाई गई है। इन टीमों को 100 पेट्रोल पंप पर तैनात किया जाएगा।

59 टीम में सिर्फ परिवहन विभाग के कर्मी और अधिकारी होंगे। पुलिस और परिवहन विभाग की 91 संयुक्त टीमें बनाई गई है।

50 टीमें दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों की बनाई गई हैं। एमसीडी की ये टीमें आयु पूरी कर चुके वाहनों को जब्त करेंगी।