जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के वास्तुकार

पंडित जवाहरलाल नेहरू को जो भारत मिला कोमा उसकी जटिलताओं को देखते हुए दुनिया के तमाम विशेषज्ञ यह कह रहे थे कि मुल्क एक नहीं रह पाएगा। मगर नेहरू ने न केवल देश को एकजुट रखा बल्कि उसे अपने पैरों पर खड़ा भी किया। उन्होंने उस गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी, जिसने शीत युद्ध में फंसी दुनिया को एक नई राजनीति दी पुलिस टॉप विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर नेहरु चाहते तो अपनी लोकप्रियता के चलते तानाशाह भी बन सकते थे कोमा लेकिन उन्होंने लोकतंत्र का लंबा रास्ता चुना।

पंडित नेहरू का सफरनामा

कांशी राम दलितों को सत्ता का सेहरा पहनाया

कांशी राम भारतीय राजनीति की वह शख्सियत हैं, जिन्होंने अपने राजनीतिक कौशल से उत्तर प्रदेश की सियासत की धारा को ही उलट कर रख दिया। दलितों के उद्धार को लेकर उन्होंने वह काम किया, जो आज तक कोई समाज सुधारक नहीं कर पाया। उन्होंने दलित समाज के संपन्न तबके को इकट्ठा किया और दलितों को सक्रिय राजनीति में लाकर सरकार बनाने की स्थिति में ला खड़ा किया, जिसके बारे में यह समाज पहले कभी सोच भी नहीं सकता था। इस महान इंसान के संघर्ष को मासिक और सफलता के बारे में बता रहे हैं।

1971 मैं अखिल भारतीय पिछड़ा और अल्पसंख्यक कर्मचारी महासंघ की स्थापना की।

दुबई को सबसे लोकप्रिय शहर का अवार्ड मिला

दुबई पर्यटन के लिहाज से दुनिया में सबसे पसंदीदा शहर माना जाता रहा है। इसी बीच दुबई को 2022 के लिए दुनिया में सबसे लोकप्रिय गंतव्य शहर के अवार्ड से नवाजा गया है। हाल ही में ट्रिपऐडवाइजर ने 2022 के लिए बेस्ट ट्रैवल्स चॉइस अवॉर्ड्स की सूची जारी की। इस सूची में दुबई को सबसे पहला स्थान मिला है।

ट्रिपऐडवाइजर के मुताबिक यात्रियों द्वारा 1 नवंबर 2020 से 31 अक्टूबर 2021 के बीच 12 महीनों के दौरान दुनिया भर में रहने, रेस्तरां में खाने को लेकर दिए गए रेटिंग की समीक्षा करने के बाद तैयार किया गया है।

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10-day online 'Peace Education Programme' begins at KU

Srinagar, Dec 01: An online Peace Education Programme (PEP) started at the University of Kashmir on Wednesday.

The 10-day programme has been organised by The Prem Rawat Foundation (TPRW) in collaboration with KU’s Department of Social Work (DoSW).

Head DoSW Dr Shazia Manzoor said the programme is aimed to help participants explore the possibility of personal peace and to discover inner resources and tools for living.

महापुरुषों के नाम से जाने जाएंगे पार्क सड़क

पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सड़कों का मार्ग कोमा पार्क और चौक के नाम महापुरुषों को मां समाजसेवियों तथा वीरांगना के नाम से जाने जाएंगे। पूर्वी दिल्ली के करीब 40 ऐसे स्थलों के नाम परिवर्तन के प्रस्तावों को मंगलवार सदन की बैठक में अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी गई है। निगम चुनाव देखते हुए फरवरी से नामांकन परिवर्तन के लिए उद्घाटन होंगे।

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गिलोय फायदेमंद पर सोच समझकर करें उपयोग

गिलोय के आयुर्वेद में कई फायदे बताए गए हैं। इसका इस्तेमाल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में किया जाता रहा है। लेकिन जब से करो ना आया है, तब से इसका इस्तेमाल अधिक हो गया है जोकि नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।

कोरोना काल में काढ़ा खूब पिया जा रहा है। इसमें शॉट आदि के अलावा गिलोय का भी इस्तेमाल होता है।

इम्युनिटी बढ़ाता है

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चीन ने सूर्य के बाद कृत्रिम चांद भी बनाया

चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम के मामले में वर्ष 2021 बीजिंग के लिए 21वीं सदी के सबसे सफल वर्षों में से एक के रूप में याद किया जाएगा।

कल्याण सिंह मंडल और कमंडल का साझा चेहरा

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को अगर किसी ने सत्ता का स्वाद चखा या तो वह कल्याण सिंह थे। इन्होंने पार्टी को गठबंधन की राजनीति का पहला पाठ पढ़ाया। अखाड़ों में शारीरिक कौशल दिखा चुके सिंह ने राजनीतिक में भी अपने विरोधियों को चित किया। कल्याण सिंह के रूप में भाजपा को एक ऐसा चेहरा मिल गया था, जिसने सोशल इंजीनियरिंग वह हिंदुत्व दोनों को एक साथ साधा।

1980 में उत्तर प्रदेश भाजपा के महासचिव बने।

1984 में भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी का सफरनामा

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 24 दिसंबर 1922 को मप्र के गवालियर में हुआ। पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में अध्यापन कार्य तो करते ही थे इसके अलावा वे हिंदी में ब्रजभाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे। अटल जी ने दिए की पढ़ाई गवालियर के विक्टोरिया कॉलेज वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज से की। कानपुर के डीएवी कालेज से राजनीति शास्त्र शास्त्र में MA. की पढ़ाई की। फुल इसके बाद उन्होंने कानपुर में ही  एलुएलब की पढ़ाई भी प्रारंभ की कोमा लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य में जुट गए। उन्होंने भारत रत्न और पढ़ा विभूषण सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।

सदियों से हो रही खोपड़ी की सर्जरी

आज आधुनिक चिकित्सक विज्ञान ने 9 शरीर के लगभग हर अंग का ऑपरेशन करना संभव बना दिया है। हालांकि , सैकड़ों साल पहले भी ऐसे कारनामे किए जाते थे । हाल में ही 2000 साल पहले खोपड़ी के ऑपरेशन का एक सबूत मिला है । इसमें उस समय के डॉक्टरों ने धातु का इस्तेमाल कर टूटी हुई खोपड़ी को जोड़ दिया था।

धातु से जुड़ी गई इस खोपड़ी को वर्तमान में अमेरिका के ओकलाहोमा में म्यूजियम आफ ऑस्ट्रेलिया जी मैं रखा गया है। माना जाता है कि आज से 2000 साल पहले युद्ध के दौरान इस खोपड़ी वाले इंसान को चोट लगी थी इस योद्धा की खोपड़ी में फ्रैक्चर हो होने के कारण सर्जरी करनी पड़ी थी।

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